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October 2, 2015
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चल घर की सैर कराऊँ (Audio Blog)
चल घर की सैर कराऊँ: Journey Of A Home (Transcription) मैं अक्सर घर को याद करता हूँ, वहाँ पहुँचने की खुद ही से फरियाद करता हूँ, अब तो आँगन भी बुलाया करता है मुझे, वो बेल का बूढ़ा पेड़, ख़्वाबों में रुलाया करता है मुझे, अपनी साइकिल की घंटी सुनाई देती है मुझे, माँ की… Continue reading