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बेबाक नज़रें
तेरी बेबाक नज़रें जब शर्म में लिपटी मेरी आँखों से गुफ्तगू करती हैं, तब हमारी कहानी सोच के काँधे पर सवार, चाँदनी कि सैर करने निकलती है| 🙂 Inspired from Today’s Daily Post Prompt
तेरी बेबाक नज़रें जब शर्म में लिपटी मेरी आँखों से गुफ्तगू करती हैं, तब हमारी कहानी सोच के काँधे पर सवार, चाँदनी कि सैर करने निकलती है| 🙂 Inspired from Today’s Daily Post Prompt