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हमसफ़र
वक़्त में नुक्स निकालने के लिए माहिर थे वो, खता हमारी इबादत के पैमाने में डालते थे वो, हमारी रातें यूँ ही भेंट कर देते थे वो, फिर भी दुनिया के लिए हमारे हमसफ़र थे वो|
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Shayari: इंतिज़ार (Valentine’s Day Special)
मोहब्बत नामुमकिन तो नहीं बस सब्र की मुहताज है, इस उदास बेचैनी को तो बस उनकी आहट का इंतिज़ार है|
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उफ़, ये खता (Shayari)
खामोश अल्फ़ाज़ों को सुनने कि ताकत हम में कहाँ, ये खता तो अक्सर चुलबुली धड़कनें करती हैं|