तक़दीर ने तो बस कदरदान कि मुस्कुराहट माँगी थी,
उनके अक्स को दिल में पनाह देने कि इजाज़त माँगी थी,
तालियों की गूँज तो सब सुनते हैं महफ़िल में,
हमने तो बस उन पलकों में कुछ जगह माँगी थी|
Few Lines On Surgical Strike Conducted By Indian Army
Transcription of above lines on Surgical Strike
एक अँधेरी सुबह उग्रवादियों ने हमें भेंट की थी,
एक दिया आज हमने शहीदों के नाम जलाया है,
दिए की लौ से जो जले कुछ आतंकी,
तो उस जलन से पडोसी मुल्क क्यों छटपटाया है?
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बस कुछ शायरी

एक दिया जलाया था कहीं, उम्मीद कि किरण बनाकर, खाक कर दिया उसी दिए ने हमें, अपनी ही लौ में जला कर| रात के अंधेरों में डूब जाने का जी करता है, दिन के उजाले में झूम जाने का जी करता है, जब भी वो मिलते हैं ख़्वाबों में, बस उनके ख्यालों में डूब जाने…