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बस कुछ शायरी
एक दिया जलाया था कहीं, उम्मीद कि किरण बनाकर, खाक कर दिया उसी दिए ने हमें, अपनी ही लौ में जला कर| रात के अंधेरों में डूब जाने का जी करता है, दिन के उजाले में झूम जाने का जी करता है, जब भी वो मिलते हैं ख़्वाबों में, बस उनके ख्यालों में डूब जाने…