तन्हाई से मुलाकात यूँ ही नहीं हुआ करती,
वक़्त लगता है अपनों को आज़माने में|
Shayari: इंतिज़ार (Valentine’s Day Special)
मोहब्बत नामुमकिन तो नहीं बस सब्र की मुहताज है,
इस उदास बेचैनी को तो बस उनकी आहट का इंतिज़ार है|
उफ़, ये खता (Shayari)
खामोश अल्फ़ाज़ों को सुनने कि ताकत हम में कहाँ,
ये खता तो अक्सर चुलबुली धड़कनें करती हैं|
अनाड़ी सी मैं
बेहाल फ़िज़ूल बेख़ौफ़ अनाड़ी सी थी मैं,
पैमाने से छलकी सुरासार सी थी मैं| 🙂
हँसी-ठिठोली
हँसी-ठिठोली कि लड़ियाँ जब शोर का रूप लेती हैं,
बंद द्वार के पीछे सुख बिखेर देती हैं,
कक्ष के एक कोने में तब हँसी साँस लेती है,
गम के दरवाज़ों को मुस्कान से वो ढक देती है|
मुकम्मल साथ
मुकम्मल साथ पाना कठिन कहाँ होता है,
बस ज़र्रे भर पहल की ज़रूरत है|