कुछ झूठे कसमें और वादे,
उसपर भ्रमित करने वाली तेरी बातें,
मेरी मोहब्बत को दोस्ती का नाम देने वाले,
फिर भी मुझपर प्यार का हक़ जताने वाले,
कभी तो अपने दिल की दस्तक सुना कर,
आत्मा को टटोला, अंतरमन में झाँका कर,
कोई है जो प्यार को दोस्ती का नाम दे चुका है,
तेरी ख़ुशी में अपने आँसू छुपा चुका है,
दोस्ती के सहारे हमें आज़माना सही तो नहीं,
बस छोड़कर यूँ ही चले जाना भी तो ठीक नहीं,
ये तो मेरा इश्क़ है जो तेरे अहम का सामना करता है,
तेरे दिए दर्द में भी मुस्कुराया करता है,
तेरे इस रूखेपन को इसी पल जवाब दे सकते हैं हम,
पर कम्बख्त, ये दिल ही हमारा साथ नहीं दिया करता है|
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