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बस तुझे ढूंढती हूँ
चाहत से भरी इन सर्द रातों में मैं तुझे ढूंढती हूँ, आँखों से छलकती तेरी शरारती मुस्कान याद-कर हँसती हूँ| किसी और के दुपट्टे में अपनी जन्नत खोजती हूँ, तेरी ऊँगली से लिपटे धागे पलकों से गिरे मोती में पिरोती हूँ| चाहत से भरी इन सर्द रातों में मैं तुझे ढूंढती हूँ… बस तुझे…
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पन्नो पर बिखरी कुछ ज़िन्दगी
Here is another shayari from Vaidus, ‘पन्नो पर बिखरी कुछ ज़िन्दगी’. Hope you all like it! 🙂