वक़्त की गिरफ्त में जब कुछ आँधियां घिर जाती हैं,
महकती गलियां भी जब खिलखिलाते फूलों को याद करती हैं,
शांत सवेरे जब सन्नाटों कि गूँज में बदल जाते हैं,
तब कहीं, दिल टूटने की खनक दबा दी जाती है|
बदमाश धड़कनें
ऐ दिल! कुछ पल हमसे भी रूबरू हुआ करो,
बेचैन घड़ियों में साथ दिया करो,
तेरी बदमाश धड़कनें गुदगुदी किया करती हैं,
मेरे चंचल मन को सपने दिखाया करती हैं|
Inspired from The Daily Post
साथ
खाली हथेली में, ज़हन कि गिरफत में,
तेरा हाथ ढूंढते हैं, बस वो एक साथ ढूंढते हैं ||
Inspired from Today’s Daily Prompt
बेबाक नज़रें
तेरी बेबाक नज़रें जब शर्म में लिपटी मेरी आँखों से गुफ्तगू करती हैं,
तब हमारी कहानी सोच के काँधे पर सवार, चाँदनी कि सैर करने निकलती है| 🙂
Inspired from Today’s Daily Post Prompt
निडर पगली
दीवानों कि बस्ती में एक पगली का पहरा था,
खुदा के बंदों पर उसका विश्वास भी तो गहरा था,
बेनक़ाब मुस्कुराती धूप सी खिलती थी वो,
अपनी ही सुध में बेखौफ घूमती थी वो,
कहती थी दुनिया नहीं है मनचले परवानो की,
ये जहाँ तो है खुदा के कुछ अफ़सानो की|
किस्मत
जब इबादतों कि ताकत कहर बनकर गिरती है,
रक्त में घुलकर पसीने कि महक देती है,
तब किस्मत कि परियाँ भी घुटने टेक देती हैं|