ऐ दिल! कुछ पल हमसे भी रूबरू हुआ करो,
बेचैन घड़ियों में साथ दिया करो,
तेरी बदमाश धड़कनें गुदगुदी किया करती हैं,
मेरे चंचल मन को सपने दिखाया करती हैं|
Inspired from The Daily Post
ऐ दिल! कुछ पल हमसे भी रूबरू हुआ करो,
बेचैन घड़ियों में साथ दिया करो,
तेरी बदमाश धड़कनें गुदगुदी किया करती हैं,
मेरे चंचल मन को सपने दिखाया करती हैं|
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