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वक़्त के उस ओर (Audio Blog)
Transcription of ‘वक़्त के उस ओर’ उम्र काटी है मैंने किसी की राह तकते, एक अनदेखा चहरा दूर खड़ा देखता है मुझे एक टक से, करीब जाने से बोझल हो जाता है वो, दूर खड़े फिर क्यों झलक दिखता है वो. अँधेरी रातों में किरण सा लगता है वो, मुस्कुराते खिल-खिलते मुझे देखता है वो,…