एक छोटा सा संदेश मेरी कविता, ‘उम्मीद का तिरंगा’ पढ़ने वालो के लिए
मेरी सारी हिन्दी कवितायेँ पढ़ने के लिए यहाँ click करे| यदि आप भी कवितायेँ लिखते हैं और Vaidus World के ज़रिये उन्हें दुनिया के सामने लाने कि इच्छा रखते हैं तो मुझे email (bolo@vaidusworld.com) द्वारा संपर्क करे| चुनी गयी कवितायेँ लेखक के नाम से Creative Buddies के page पर प्रकाशित की जाएँगी| Vaidus World केवल उन्हें दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का एक जरिया होगा|
तो चलिए साथ लिखें| क्या पता, Vaidus World पर आपकी पहली कविता लोगों को मेरी कविताओं से भी ज़्यादा पसंद आये| इस बारे में अधिक जानकारी के लिए Creative Buddies का page देखें|
प्रतिलेख: उम्मीद का तिरंगा
एक दिन बादल यूँ ही गरजेंगे,
खुशियाँ बनके वो बरसेंगे,
एक दिन ऐसा भी आएगा,
जब हर बच्चा खिल-खिलायेगा|
लहराते खेतों में जिस दिन,
हर बच्चे का हक़ होगा,
चूले पर रोटी सेख़ती माँ को,
निवाले कम पड़ने का न डर होगा||
उम्मीद से भरी इस दुनिया में,
मैं खाना खोजा करता हूँ|
लहराते तिरंगे में भी मैं,
अक्स, भरे पेट का देखता हूँ||
बहने जब घर से निकलेंगी,
आत्मसम्मान कि चुनरी ओढ़ेंगी,
घूंघट उनका शस्त्र नहीं होगा,
जब हर भाई रक्षक होगा|
आज़ादी की सॉंस खुलकर वो लेंगी,
बेटी हर आँगन में खेलेगी,
जब चीखें हँसी में बदल जाएँगी,
उस दिन लष्मी घर आएगी||
उम्मीद से भरी इस दुनिया में,
मैं आज़ादी खोजा करता हूँ|
लहराते तिरंगे में भी मैं,
बेटी का हक़ ढूँढा करता हूँ||
एक दिन ऐसा भी आएगा,
जब ज्ञान कोने-कोने में पाया जायेगा,
कलम तलवार बनकर ललकारेगी,
व्यापार से बच्चों को बचा निकलेगी|
घर-घर में शिक्षा का मृदंग बजेगा,
बाल मज़दूरी को वो कुचलेगा,
शिक्षित कल का तब जन्म होगा,
बच्चों को पढ़ाना जब बड़ो का धर्म होगा||
उम्मीद से भरी इस दुनिया में,
मैं शिक्षा खोजा करता हूँ|
लहराते तिरंगे में भी मैं,
शिक्षित कल को देखा करता हूँ||
Background Music Credit: There is Romance Kevin MacLeod (incompetech.com)
Licensed under Creative Commons: By Attribution 3.0 License
http://creativecommons.org/licenses/by/3.0/
Leave a Reply