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खनक
वक़्त की गिरफ्त में जब कुछ आँधियां घिर जाती हैं, महकती गलियां भी जब खिलखिलाते फूलों को याद करती हैं, शांत सवेरे जब सन्नाटों कि गूँज में बदल जाते हैं, तब कहीं, दिल टूटने की खनक दबा दी जाती है|
वक़्त की गिरफ्त में जब कुछ आँधियां घिर जाती हैं, महकती गलियां भी जब खिलखिलाते फूलों को याद करती हैं, शांत सवेरे जब सन्नाटों कि गूँज में बदल जाते हैं, तब कहीं, दिल टूटने की खनक दबा दी जाती है|