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याद
लव्ज़ों में बयाँ हो जाता तो क्या बात थी, दर्द सीने में उतर गया था, वो भी एक रात थी| बिस्तर का एक कोना तब भी भीगा था, आँचल ने गम अपने बाहों में भरा था, ओझल तेरा चेहरा दुनिया से हुआ था, मेरी यादों में घर तेरा फिर से बना था| My blogs need…
लव्ज़ों में बयाँ हो जाता तो क्या बात थी, दर्द सीने में उतर गया था, वो भी एक रात थी| बिस्तर का एक कोना तब भी भीगा था, आँचल ने गम अपने बाहों में भरा था, ओझल तेरा चेहरा दुनिया से हुआ था, मेरी यादों में घर तेरा फिर से बना था| My blogs need…