ज़िन्दगी में खुशियों कि कमी सी होती जा रही है,
जैसे प्यार की कमी नफरत से पूरी होती जा रही है,
हर तरफ उदासी का आलम छाया है,
हँसते हुए ज़िन्दगी ने भी हमारा मज़ाक उड़ाया है|
खिल-खिलते हुए ज़िन्दगी ने यूँ मुड़कर देखा,
मेरी आँखों कि नमी देख मुझसे पूछा,
आँखों में बसे इन मोतियों को पलकों में क्यों छुपाया है?
ज़िन्दगी तुम्हारे साथ है फिर तुम्हे किसका डर सताया है?
ऊँचे सपने देखने में एक पल लगता है,
पर सपनो को उड़ान भरने में तो वक़्त लगता है,
ज़िन्दगी तो बेवफा है,
आज साथ है कल जुदा है|
विश्वास का दामन थामे बढ़ते जाना है,
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर लड़ते जाना है,
हर गम को मुस्कुराकर गले लगाना,
आखिर खुशियां पाने का यही तो एक मात्र सहारा है|

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