सेज पर बैठी एक दुल्हन,
पिया का इंतज़ार कर रही थी,
अब आयेगा पिया यह सोचकर,
मन ही मन मुस्कुरा रही थी,
आँखें झुकी मन में प्यार,
पलके झुकाए कर रही थी पिया का इंतज़ार|
इंतज़ार की घडी ख़तम हुयी,
उमंग के दरवाज़े खुले,
काश यह लम्हा यूँ ही थम जाता,
और सिर्फ तुम होते, और हम होते||
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