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  • बदमाश धड़कनें

    बदमाश धड़कनें

    ऐ दिल! कुछ पल हमसे भी रूबरू हुआ करो, बेचैन घड़ियों में साथ दिया करो, तेरी बदमाश धड़कनें गुदगुदी किया करती हैं, मेरे चंचल मन को सपने दिखाया करती हैं| Inspired from The Daily Post Continue reading

  • बेबाक नज़रें

    बेबाक नज़रें

    तेरी बेबाक नज़रें जब शर्म में लिपटी मेरी आँखों से गुफ्तगू करती हैं, तब हमारी कहानी सोच के काँधे पर सवार, चाँदनी कि सैर करने निकलती है| 🙂 Inspired from Today’s Daily Post Prompt Continue reading

  • निडर पगली

    निडर पगली

    दीवानों कि बस्ती में एक पगली का पहरा था, खुदा के बंदों पर उसका विश्वास भी तो गहरा था, बेनक़ाब मुस्कुराती धूप सी खिलती थी वो, अपनी ही सुध में बेखौफ घूमती थी वो, कहती थी दुनिया नहीं है मनचले परवानो की, ये जहाँ तो है खुदा के कुछ अफ़सानो की| Continue reading

  • हमसफ़र

    हमसफ़र

    वक़्त में नुक्स निकालने के लिए माहिर थे वो, खता हमारी इबादत के पैमाने में डालते थे वो, हमारी रातें यूँ ही भेंट कर देते थे वो, फिर भी दुनिया के लिए हमारे हमसफ़र थे वो| Continue reading

  • एहसास

    एहसास

    तिनका-तिनका करके विश्वास बनाया था, तेरे जाने से पहले, न होने का एहसास बनाया था| Continue reading

  • खुद से मुलाकात

    खुद से मुलाकात

    तन्हाई से मुलाकात यूँ ही नहीं हुआ करती, वक़्त लगता है अपनों को आज़माने में| Continue reading